रविवार, 10 मार्च 2024

माॅं की याद– दिनाँक १० मार्च २०२४

मैं एक छोटा सा बच्चा था,
तेरी ऊंगली थाम के चलता था,
तू अगर दूर नज़र से होती थी,
तो मैं आँसू आँसूरोता था...!!

एक ख़्वाब का रोशन बस्ता,
तू रोज़ मुझे पहनाती थी,
जब डरता था मैं रातों में,
तू अपने साथ सुलाती थी...!!

माॅं तूने कितने वर्षों तक,
इस फूल को सीॅंचा हाथों से,
जीवन के गहरे भेदों को,
मैं समझा तेरी बातों से...!!

मैं तेरे हाथ के तकिये पर,
अब भी रात को सोता हूॅं,
माॅं मैं एक "नादान" सा बच्चा,
अब भी तेरी याद में रोता हूॅं...!!