गुरुवार, 7 जुलाई 2016

ईद दिनाँक - ०७ मई २०१६

आया ईद का त्यौहार आओ सब मिल इसे मनायें,
जिनसे रूठे है कल-परसों से उनको भी गले लगायें।।

ईद त्यौहार है इंसानियत और परस्पर सौहार्द का,
पड़ौसी हिन्दू है तो क्या, उसको भी ईदी दे आयें।।
आया ईद का....…..…......…..........................।।१।।

इरफ़ान भी याद दिलाता है सच्ची कुर्बानी के बाबत,
सबसे प्यारी है नफ़रत मुझे, आज उसकी कुर्बानी दे आयें।।
आया ईद का....…..…......…..........................।।२।।

अर्द्धनग्न बैठा है चौराहे पर तरसों से वो मजलूम,
चल उठ आज उसको भी नई लिबास पहना आयें।।
आया ईद का....…..…......…..........................।।३।।

मुफ़लिसी में है एक भूखा वो यार भी तेरा,
मज़हबी गैर से क्या, इंसानियत से उसको खाना खिलायें।।
आया ईद का....…..…......…..........................।।४।।

लिखने को तो लिख डालूँ ईद कैसे-कैसे मनायें,
सब समझदार है सिर्फ मै "नादान" शेष क्या समझायें।।
आया ईद का....…..…......…..........................।।५।।