सोमवार, 28 दिसंबर 2020

वर्तमान में मनुष्य दिनाँक २९ दिसम्बर २०२० दिन मंगलवार

 नहीं अब मूल्यों का मूल्य सब बेकार हुये,
धरनि, धरन,नभ,पित्र, पिता सब के सब,
पालक जो, सब के सब बौने,नव नव तारणहार हुये,
भले मनुज जो कदम बढ़ाये,कर्महीन रोड़ा अटकाये,
गिनती होती जिनकी धिक्कारों में वो सब नम्बरदार हुये ।।

अचल कुल घालक है जो पालनहार वही बनायें,
जिन सर गठरी पाप धरि, उन पर ही है सिरमौर सजाये,
पाप पुण्य के वाचक बन खेल शतरंज का सजा रहे,
बाजी रखी निज हाथों में वही कर्णाधार बनायें ।।

भोला सत्य सिसक रहा है चमचों के व्यवहारों से,
काँखति हँसी झूठी बाते अच्छी है सच्ची-मुच्ची आँहों से,
सत्य हारता आज झूठ धार एक-एक कतार से,
खड़ा अकेला सोच रहा कैसे रे आधार बनाये ।।

जीवन मूल्य तुला है "नादान" उस प्रभ की कृपा पर,
किसको फल है किसको मल है गुणन ये उसका पल पल है,
राजा से रंक बने बने रंक से राजा जिनका चलता धेला है,
जिसकी करनी उसी को भरनी तू क्यों रोता चक्षु मल मल है ।।
                     "  नादान"