शनिवार, 27 मार्च 2021

होली दहन पर्व २८मार्च २०२१

मौसम जब मुस्कराने लगे,
कोयल गीत गाने लगे,
बसन्त बीच बहार कहकहाने लगे,
भवँर देख कली-कली गुनगुनाने लगे,
फूल भी रँग तरह-तरह के बरसाने लगे,
दिल कहने लगा चलो होली मनायें चलो होली मनायें ।।
महीना फाल्गुन का जब आने लगे,
दिल बन राग फ़ाग गाने लगे,
यौवन की हस्ती जब मस्ती दिखाने लगे,
अंग अंग में चढ़ भंग रँग दिखाने लगे,
टेसू रँग केसरिया छाने लगे,
दिल कहने लगा चलो होली मनायें चलो होली मनायें ।।
राग-द्वेष जब हवन सजाने लगे,
जलकर मैं मन पपीहा बन जाने लगे,
प्रीत की डोर मन के उस छोर जब जाने लगे,
हर जन मन रास रचाने लगे,
तजकर भूल छोड़ शूल संग संग एक रँग हो जाने चले, 
रूठकर जो बैठे है उनको मनाने चले,
दिल से दिल मिला अंग अंग संग रँग लगाने चले,
दिल कहने लगा चलो होली मनायें चलो होली मनायें ।।
                "नादान"