रविवार, 12 जून 2022

नर और नारी जड़ चेतन दिनाँक १२ जून २०२२

बीज जगत में, 
एक नर बना एक नार,
नर नार बन जड़ चेतन,
नर जड़ बना वो पौधा,
प्रकृति से मिला जो दिया उसे,
खूब फूला फला वो जड़ के कारण,
नर सर्वस्व वारता रहा वो अपने को निखारता रहा,
नर जड़ ही रहा वो पत्ता तना फूल फल बन गया,
नर जड़ बन निष्ठुर सा तना रहा वो जग की ममता पार गया,
उपमाओं के खेल से लेकर सभी की भावनाओं तक सब मिला उसे,
नर जड़ था मूक देखता रहा अपने कर्म व भाग्य को वो अपने भाग्य पर नाज गया,
नर के कर्म से उत्पन्न रस को तरह तरह से भोगता रहा ओर नर बस मूक सोचता रहा,
यह नर था जो जड़ता रहा प्रत्येक परिस्थिति में और नार खिलता रहा ।।