जज़्बात के ख्यालाती हद से,
कुछ पागल होती है लड़कियाँ,
सादगी कर किनारे अर्थ के फेर में,
मझधार में इश्क के रोती है लड़कियाँ ।।
सूकून का दौर कहाँ मिलता है,
इश्क दौरे आलीशान फरेब से,
जवानी और दीवानी दिखावटी में,
अश्क़ बीच मझधार बहाती है लड़कियाँ ।।
किसको इश्क़ में ईमान पसन्द है,
कहने और सुनने में अच्छा है बहुत,
सैनिक का ईमान व आमान पसन्द है,
पूर्व बन्धन कहाँ उनका प्यार पसन्द है।।