शनिवार, 7 अगस्त 2021

मरते है शीर्षक से दिनाँक ०७ अगस्त २०२१

जो मरते है वो ही जीवन धरते है,
तुम भी मरती और हम भी मरते है,
मरते है चल फिर एक दोनों बस एक बार,
मरते है एक दूजे पर जीने के लिये,
नयी दुनिया बसाते है दिखाते है,
उन्हें जो जी नहीं पा रहें देखकर,
राहों पर चलते प्यार की मेढ़ धर,
जितना दूर...... हो सकें जाते है,
नजरों से नहीं,
मानसिकता से आगे आते है,
कुछ बताते है,कुछ समझाते है,
यश-अपयश से दूर हो जाते है,
प्यार से धर्म और उसका कर्म जान, 
मिलकर दोनों एक राह नयी बनाते है,
आर्यों से अनार्यों तक जो आ चुके,
उन जिन्दा लाशों से दूर,
एक सुन्दर स्वप्न सजाते है,
चल मनुष्य है "नादान" 
मनुष्य की भाँति प्रेम सजाते है ।।
          

शुक्रवार, 6 अगस्त 2021

शिव महिमा दिनाँक ०६ अगस्त २०२१

शिव जोगी है शिव योगी है,
शिव की महिमा अपार,
शिव ही दाता शिव विधाता,
शिव ही मेरे तारण हार,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।

तुम कैलाशी तुम अविनाशी,
तुम नीलकण्ठ तुम सन्यासी,
तुम रामेश्वरम तुम राम विश्वासी,
तुम ही मुक्ति धाम,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।

तुम आदिदेव तुम विश्वेश्वर,
तुम मृत्युंजय, तुम ही विषधर,
तुम अनुरागी, तुम वाघाम्बर,
तुम दृष्टा तुम ही सृजनकार,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।

तुम ही ज्योति, तुम ही लिङ्ग 
तुम प्रकृति के प्रत्येक अंग,
तुम  ही घालक, तुम ही पालक,
तुमरी शरण पड़ा "नादान"
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।
                



रविवार, 1 अगस्त 2021

मित्रता दिवस पर दिनाँक ०१ अगस्त २०२१

दोष तीन कर दे अलग,
मतलब, लालच, दाम,
दो सत्यवादी जब मिले,
है दोस्ती उसका नाम,
है अर्थ यही तो दोस्ती का,
दोनों में दोष ना हो कोई,
तन तो हो दो पर प्राण एक,
ईर्ष्या रोष ना हो कोई,
जिस रास्ते लोक हँसाई हो,
खुद चलें ना उसको चलने दें,
अपने ऊपर सब दुःख ले लें,
दिल ना दोस्त का दुखने दे,
क्या जिक्र यहाँ कर का जर का,
सर देने में इनकार न हो,
हर वक़्त दुआ यह दिल से हो,
गमगीन हमारा यार न हो,
सुख में बनते मीत जो ऐसे मित्र अनेक,
साथी हो जो दुःख के वो लाखों में एक,
मित्रता न ऐसा नाता है, 
जब जी चाहा जब छोड़ दिया,
मिट्टी का नाहीं खिलौना है, 
जो खेल-खेल में तोड़ दिया,
मित्र की हाँ जी में हाँ जी करना,
मित्रों को ना ही मुनासिब है,
लेन देन पर गौर करें, 
यह नहीं कभी भी वाजिब है,
चारों ओर की धुन्ध से मित्र आज विस्मित है, 
आज के युग कि रीत है बदली, 
जो हाँ जी हाँ जी करता है, 
"नादान" आज बस वही खुश किस्मत है ।।