बुधवार, 21 जनवरी 2015

जमाना बदल गया।२२ जनवरी २०१५

कहते है लोग जमाना बदल गया,
कैसे समझे कैसे जाने जमाना बदल गया,
वहीं पशु है,है पक्षी वही,
है जंगल के नर भक्षी वही,
वही चाह है इंसा की,
रोटी कपड़ा मकान मंशा वही,
चांदनी है चाँद की वही,
भेदभाव रहित शीतलता पाते सभी,
सूर्य ने ना बदला चोला कभी,
देता है सबको रोशनी पहले जैसी आज भी,
ना बदले तारागण ना बदले देवगण,
ना बदली नक्षत्रों ने चाल,
बस बदला गया है अपना व्यवहार,
आज इंसा की फितरत हो गयी,
भाव शून्य कर मतलबी जिहृवा हो गयी,
रिश्ते नाते सब जाने कहाँ खो गये,
वास्ते मतलब र्दुजन अब सगे हो गये,
जहां मे अब हर इंसा बदल गया,
कहते है लोग जमाना बदल गया,
कैसे समझे कैसे जाने जमाना बदल गया,