गुरुवार, 4 जनवरी 2018

प्यार,धर्म ओर परामर्श दिनाँक ०४ जनवरी २०१८

उफ्फ .....
दो दिल ,
तीन लफ्ज़,
हजार ख्वाईशें,
बेइन्तहा मोहब्बत,
अकेलेपन से दूरी ,
आसान सी जिन्दगी,
विश्वास साथ,
धर्म के ठेकेदारों से अगर मिलें मुक्ति,
अगर राष्ट्र का कानून हो विकसित,
ना भय हो फिर से तीन शब्दों का,
सोच बनी हो परिपक्व अगर,
बन्द से बाहर निकलें जो,
खुला आसमाँ है उड़ान के लिये,
विश्व को परिवार जो मानते हैं हम ।।