गुरुवार, 28 अगस्त 2014

इलाज चाहिए २८ अगस्त २०१४

दिल की बीमारी है,इलाज चाहिए,
जहान मे रहे जान तो एक जान चाहिए।।

उम्र का तकाजा है इस रोग का गुण,
निदान के लिए मेहमान नया चाहिए।।

तलाशती है निगाहें हर चेहरा बने कोई हमराह,
सूरत के साथ सीरत की जुगलबन्दी चाहिए।।

नेमत है खुदा का प्यार अगर दे बख्सीस,
रहमतों की दरकार है कोई एक नज़र चाहिए।।

नासाज है सावन का हर एक पल बूँद के बिना,
पपीहा है आज दिल जो बुझे प्यास बरसात चाहिए।।

तडपन मिट जाये मन की धड़कन बनकर,
इजहार बन जाये इलाज वो दवा चाहिए।।