शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

दशहरा दिन रविवार दिनाँक २५ अक्टूबर २०२०

मन रखकर पाप पुण्य का हर्ष मनाते हो,

एक रावण को मारने हर वर्ष रावण सजाते हो,

राम भजो तो राम आचरण ध्यान रखो,

मन मे बैठा रावण घर से तुम भी बाहर करो,

दश शीश है दश दिशायें चहुँ ओर  रावण की गर्जनाये,

शीश धरो ईश से अपने ही भीत से कर वज्र आकांक्षायें,

घर घर रावण है अपने घर बहुत से रावण है,

इस बार प्रण है बाहर निज घर से एक रावण है,

दशमी है विजय उत्सव की राम धीर वीर वर की,

दश शीश गिरा ईश बने पूजित मर्यादित कोशलाधीश की,

एक रावण बाहर कर मन अन्दर राम धरे,

प्रण धर काज करे राम राज्य स्वप्न साकार करे ।।