शुक्रवार, 28 जुलाई 2017

नाग पँचमी दिनाँक २८ जुलाई २०१७

आज नाग पञ्चमी है,
चलो साथी रहते है जहाँ विषधर,
वो बमी ढूँढते है,
देश कर्णधारों ने,
ऑफिस में बैठे जिन गद्दारों ने,
मेरे स्वर्ग रूपी घर को,
डस लिया है अपनी जहरीली सोच से,
उनको दूध पिलाकर आते है,
जाते है, देकर आते है उनको गीता,
जाकर उनको बाँटते है ज्ञान,
शायद समझ मे आ जायें उनके,
दूर हो जाये अभिमान,
सत्ता मद के अँधेरे गलियारे से निकल,
शोषनता के विरुद्ध कुछ अलख जग जाये,
सोच से सच, सजर से समझ आये,
विष भरी कुंठा से निकल सेवा नजर आये,
उनका विवेक जग जाये,
सत्य,कर्तव्यनिष्ठा, परायणता आदि सद्गुणों का आगाज हो जाये,
नाग पँचमी की असली पूजा हो जायें।।