दोस्त से है ईद दोस्त से दिवाली,
दोस्त से है होली का त्योंहार,
ना महक हो पास दोस्ती की,
तो सब कुछ है बेकार।।
दोस्ती का फूल है सबसे अच्छा,
जो जीवन में खिल जाये,
जीवन हो जाये फूल कि बगिया,
महक चारों ओर बिखर जाये।।
दोस्ती होती है जब मिलते है मन से मन,
तन रहते है दो पर एक हो जाते है मन,
भीड़ पडे जब एक पर विचलित हो दूसरा जाये,
वज्र पडे चाहे जितना पर खुद पर दिल न दोस्त का दुखने पायें।।
दोस्ती सम्बन्ध है प्रेम भाव का,
जो एक बार हो जायें,
है दोस्त वही अच्छा जो,
राह दिखाये आपको,सही गलत मे भेद कराये।।
वह दोस्त दोस्त नहि हो सकता है,
मतलब से हाँ मे हाँ करता है,
वो दोस्ती क्या खाक करेगा,
जो जन - धन पर नजर रखता है।।