शुभप्रभात शुभदिवस शुभनववर्ष
बेला है नववर्ष की चलो ख़ुशी मनाये,
ध्येय धरे हम नेह की मंगल कामना गाये||
हो ऐसा ये वर्ष हमारा,मानव जाति प्रफुल्लित हो,
भारत बनें सिरमौर विश्व का, चहु ओर ख्याति छाये||
बेला है नववर्ष की चलो....................||1||
युवा चले सतकर्मो की ओर, वर्द्ध धर्म मार्ग दिखलायें,
शिशु हो जायें संस्कारी,ऐसी शिक्षा नीति अपनाये||
बेला है नववर्ष की चलो....................||2||
विज्ञानी नित करें चमत्कार,दशों दिशाएँ चकराये,
रक्षा,चिकत्सा,भरण-पोषण,सब पूर्ण हो जाएँ।।
बेला है नववर्ष की चलो....................||3||
स्पर्धी ऐसे हो क्रीडभारती,नित नये आयाम बनायें,
पछाड़ रूस,चीन को,हर खेल में ओलम्पियन बन जायें||
बेला है नववर्ष की चलो....................||4||
जीवन शैली हो धर्म हमारा,यह सब जन जायें,
आर्यन बन सब मानव सत्कर्मो में ढल जाये।।
बेला है नववर्ष की चलो....................||5||
कल्पना कर रहा "नादान" काश ऐसी छवि बन जायें,
हो जायें स्वपन सारे साकार,हम फिर विश्व गुरु कहलायें||
बेला है नववर्ष की चलो....................||6||
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पुष्पेन्द्र सिँह मलिक "नादान"