मंगलवार, 16 दिसंबर 2014

उनकी याद १७ दिसम्बर २०१४

जिन्हें हम याद करते है,वो क्यों दूर हो जाते है।।

हम रखते है याद सीने में,वफा के साथ उनकी,
वो अपनी खुशियों के लिये,क्यों दामन हमारा छोड़ जाते है।।१।।

वो ना खुश रहे हमने कब ऐसा चाहा,हमने तो बस उनका भला ही चाहा,
हैसियत कम ही सही मगर जज्बात सलीके है,फिर ना जाने वो क्यों घबराते है।।२।।

जिनकी यादों को संभालकर रखा,हमने ईमान के साथ अबतक,
वो गुलशन बन महलों की,हमारे जज्बातों की हसीं क्यों उडाते है।।३।।

"नादान" तू सदा नादान रहा,जो रखता है घरौंदा उनकी यादों का,
ये बे तकुल्लफी की दुनिया है,समय देखकर लोग बदल जाते है।।४।।