गुरुवार, 22 जुलाई 2021

भाग्य दिनाँक २३ जुलाई २०२१

क्या करें ? 
जब भाग्य बड़ा बेशर्म है।।
कर्म ही धर्म है,
धर्म बेचारा क्या करें,
उसके साथ भाग्य है,
भाग्य को अगर लाज आये,
चले साथ साथ कर आबाद,
अन्यथा कर्म ही हिडोली में लटके रहो,
कर्म पर भी कर्म करते रहो,
खाली झोली को खाली करते रहो,
देखो मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे,
आस बाँध छवि उसकी निहारे,
लेकिन क्या करें भाग्य के मारे,
हाथ बाँधे खड़े बेचारे,
करते रहो कर्म,
हो ना हो साथ भाग्य,
आ जाये कब लाज वरन
भाग्य बड़ा बेशर्म है ।।

मंगलवार, 20 जुलाई 2021

साथ निभाओ तो कोई बात बने दिनाँक १५ जून २०१३

मीत का साथ निभाओ तो कोई बात बने।
गीत में साज बजाओ तो कोई बात बने।।
एक दिन मौज मनाने से क्या भला होगा?
रोज दीवाली मनाओ तो कोई बात बने।
इन बनावट के उसूलों में धरा ही क्या है?
प्रीत हर दिल में जगाओ तो कोई बात बने।
क्यों खुदा कैद किया दैर-ओ-हरम में नादां,
रब को सीने में सजाओ तो कोई बात बने।
सिर्फ पुतलों के जलाने से फायदा क्या है?
दिल के रावण को जलाओ तो कोई बात बने।
रूप की धूप रहेगी न सलामत नादां,
इश्क का ध्यान लगाओ तो कोई बात बने ।।