आओ नववर्ष मनायें इस तरह,नव सपनों का श्रंगार करें।।
विश्व पूत बन, शांति दूत बन,विश्व शांति का संचार करें।।
नीयत नेक कर, कर्म विशेष कर,
नव शक्ति सृजन कर, नव कीर्ति का मान धरें।।
राष्ट्र प्रबल हो, राज सबल हो भारत भू सिरमौर बनें,
कला हो शिखर पर, मानव शून्य बन कला का भान करें।।
आतंकी आकर तंगी से घिर जायें,स्व भरण हेतु, परिवार पोषण हेतु,
सजग हो सचल दल बन आर्थिक गलीयारा सजायें।।
आडम्बरी नतमस्तक हो जन परिहासों से,धर्म की नींव हो चारित्रिक विचारों से,
हर क्षेत्र हो विजय क्षेत्र, हर यौवन बन कर्म क्षेत्र विजय पथ निर्माण करें।।
आओ नववर्ष मनायें इस तरह,नव सपनों का श्रंगार करें।।
विश्व पूत बन, शांति दूत बन,विश्व शांति का संचार करें।।