शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

नववर्ष तुमने कहा और हमने मान लिया दिनाँक ०१ जनवरी २०२१ दिन शुक्रवार

तुमने कहा और हमने मान लिया,
नववर्ष में हैं अभी दिन शेष,
लेकिन हमने संज्ञान लिया,
तुमने कहा और हमने मान लिया।।
न प्रकृति ने रंग दिखलाया,
न धरा ने यौवन सजाया,
सर्द हवा देती है दर्द घना,
बर्फ ऊपर कुहासा है पड़ा,
न दे कुछ दिखायी, 
लेकिन तुमने जब नव राह सुझायी,
तब हमने संज्ञान लिया ।।
युगों युगान्तर से रीत है भावी,
भोर की किरण निकलते दिन है हावी,
रात निशाचरी में दिनमान है बदले,
कैसे कहे वर्षमान है बदले,
फिर भी रीत नयी तुमने है बतलायी,
तुमने जब नव राह सुझायी,
तब हमने संज्ञान लिया ।।
न नव अंकुर फूटे, 
न नव कलरव गीत सुनाये,
न प्रकृति दुल्हन बन सजी,
न स्नेह की सुधा ले आये,
न फाल्गुन की मस्ती तने,
न चैत्र की प्रतिपदा है आये,
फिर क्यों कर मन नव वर्ष मनायें,
पर तुम मना रहे और हमे भी समझाये,
यह रीत तुमने ही बतलायी,
तुमने जब नव राह सुझायी,
तब हमने संज्ञान लिया ।। 
तुमने कहा हमने लिया संज्ञान,
तुम भी लो मान अब,
हम भी देते है कुछ प्रमाण,
इतिहास के झरोखे बतलाते है,
नववर्ष के प्रथम दिवस को याद कराते है,
प्रकृति के एकदिवसीय क्रम को समझाते है,
ब्रह्मा जी के निर्माण दिवस को,
भूल रहे जो ऋषी दयानन्द रचित,
आर्यो के पुनःनिर्माण दिवस को,
आदिकाल के गुणन दिवस को,
हम रामराज्य के अभिषेक दिवस को,
शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को,
विक्रमादित्य ने अलंकृत किया जो,
विक्रम सम्वत डाल दिया जो
बतलाते है विक्रमादित्य के विजय दिवस को,
भारतवर्ष के विश्व विजय दिवस पर्व को,
हम नव वर्ष दिवस कह मनाते है,
नववर्ष में हैं अभी दिन शेष,
लेकिन हमने संज्ञान लिया,
तुमने कहा और हमने मान लिया।।
अभी ओर थोड़ी दूर चलो,
आर्य और सनातनी संस्कृति को पूर चलो,
दिया जो प्रकृति ने सहेज उसे भरपूर चलो,
जिस दिन लिया सत्पुरुषों ने जन्म,
उस दिन मना खुशियाँ भरपूर चलो,
सन्त झूलेलाल हुये, उतर जग प्रसिद्धि छुये,
मान बढाते गद्दी का गुरु अङ्गद देव हुये,
डॉ हेडगेवार भी जिसदिन धरती छुये,
वीर गोकुला जी दे शहादत मोक्ष गति को प्राप्त हुये,
दिन उसी तिथि को सूर्य चन्द्र नक्षत्र छुये,
प्रकृति के एकदिवसीय क्रम को,
नववर्ष के प्रथम दिवस को,
दिवस के एक-एक क्रम को, 
वेद-पुराण समझाते है,
तब हमने संज्ञान लिया ।। 
जब तुमने कहा हमने लिया संज्ञान,
तुम भी लो मान अब,
हम भी देते है कुछ प्रमाण,
इतिहास के झरोखे बतलाते है,
नववर्ष के प्रथम दिवस को याद कराते है,
दिवस क्रम के हेर फेर में,
ईस्वी वर्ष के उस दिवस को,
जब दी शुभकामना मेल-मेल में,
तब हमने संज्ञान लिया, 
नववर्ष हमने भी मान तुम्हारा मान लिया।।
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।।
                   "नादान"