रविवार, 14 अगस्त 2016

आजादी १५ अगस्त २०१६

कदम-कदम बढ़ाये जा, गीत आजादी के गाये जा।।

जो अपनी ही धुन के मतवाले थे,
मर्म आजादी का जानने वाले थे,
आजादी की खातिर जिन्होंने वरण किये हार ( फाँसी का फँदा)
उन्हें रख मनमंदिर में (पुष्प) हार चढाये जा,
कदम-कदम ....…...............................।।१।।

जिन्होंने माटी को माँ माना,
माँ का दर्द जिन्होंने पहचाना,
माटी का आँचल सजाने को,
कलंक गुलामी मिटाने को,
जिन्होंने घर छोड़ा जिन्होंने दर छोड़ा,
उनके घर (वतन) दिये जलाये जा,
कदम-कदम........................................(२)

जिनको आजादी जान से ज्यादा प्यारी थी,
जिनके बलिदानों से प्रतन्त्रता हारी थी,
उनकी गाथा गानों को,
बलिदानी कीमत बताने को,
नव-नव गीत बनाये जा,
कदम-कदम........................................(३)

जियें खातिर माटी के जो,
माटी की खातिर मिट गये जो,
थे सच्चे सपूत माटी के वो,
उनको श्रद्धा अपर्ण को,
उनको शीश नवायें जा,
कदम-कदम........................................(४)

है नाम पाक जिसका,
निय्यत जिसकी है पाक नहीं,
आतंक का संरक्षक जो,
जिसको पैंसठ-इक्यहत्तर याद नहीं,
उसकी नापाक हरकत मिटाने को,
उस पाक को पाक सबक सिखाने को,
क्रान्ति गीत गाये जा,
कदम-कदम.…….................................(५)